दोस्तो आपको याद हि होगा की पीछे साल बाबा का ढाबा बड़ा वायरल हुआ था जिसमे एक यूट्यूब ने उसके ढाबे के ऊपर एक वीडियो बनाया था की केसे एक बड़े व्यक्ति को ढाबा चला के अपना गुजारा करना पड़ रहा है और उस वीडियो में बाबा की काफी परेशानी साथ ही बाबा के ढाबे का एड्रेस भी दिखा दिया और साथ ही बाबा के ढाबे का गूगल पे और paytm नंबर सबको वीडियो में दिखा दिया और लोगो से चंदा देने की दरखुआस लगाई,वीडियो अपलोड होते ही बुरी तरह वायरल होगया,वीडियो के वायरल होते ही काफी लोगो ने चंदा इक्ट्ठा कर बाबा को भेजा काफी बड़े यूट्यूबर्स ने फिर वहा जाके खाना भी खाया लेकिन उसके बाद एक स्कैम हुआ है बाबा के साथ ऐसी अफवाह भी फेहलायी और बाबा के ढाबा को जिसने वायरल किया था उसपे काफी घोर इल्जाम भी लगाए और उस बिचारे को इन सबके चक्कर में रोना भी पड़ा और फिर बाबा भी पलट गया और उसने भी फिर उस बालक पे काफी गलत इल्जाम लगा दिए ,ये सब नाटक खतम होने के बाद पता चला की बाबा के पास एक बड़ी पूंजी इक्ट्ठा होगी थी जिसे उसने फिर एक नया restro khol लिया लेकिन lockdown की मार की वजह से उनका restruent बंद होने पे आ गया है।
प्रसाद ने बताया कि उन्होंने रेस्टारेंट में करीब ₹5 लाख का निवेश किया। तीन लोगों को काम पर रखा। मासिक खर्च लगभग 1 लाख रुपया था। ₹35,000 किराए के लिए, ₹36,000 तीन कर्मचारियों के वेतन के लिए और ₹15,000 बिजली-पानी के बिल तथा खाद्य सामग्री की खरीद के लिए। लेकिन औसत मासिक बिक्री कभी 40,000 रुपए से अधिक नहीं हुई। इसकी वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा और आखिर में वे इस नतीजे पर पहुँचे कि रेस्टोरेंट खोलना गलत फैसला था।
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में बड़े धूमधाम से इस रेस्टोरेंट की शुरुआत हुई थी। इसे उस जगह के नजदीक ही शुरू किया गया था जहाँ प्रसाद का ढाबा पहले से चल रहा था। उम्दा फर्नीचर, सीसीटीवी कैमरे, स्टाफ सहित कई तरह की सुविधाओं के साथ इसकी शुरुआत हुई थी। उस समय 80 वर्षीय प्रसाद ने कहा था, “हम बहुत खुश हैं, भगवान ने हमें आशीर्वाद दिया है। मैं मदद के लिए लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, मैं उनसे मेरे रेस्टोरेंट में आने की अपील करता हूँ। हम यहाँ भारतीय और चाइनीज फूड बनाएँगे।”
लेकिन चंद महीनों में ही यह उपक्रम असफल साबित हो गया। प्रसाद ने इसके लिए तुशांत अदलखा नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता को को दोषी ठहराते हुए कहा है, “कुल 5 लाख रुपए के निवेश में से रेस्टोरेंट बंद होने के बाद हम कुर्सियों, बर्तनों और खाना पकाने की मशीनों की बिक्री से केवल 36,000 रुपए ही वसूल पाए।” हालाँकि अदलखा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसके लिए प्रसाद और उनके बेटों को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है, “रेस्टोरेंट शुरू करने से लेकर ग्राहकों को लाने और भोजन की होम डिलीवरी के लिए ऑर्डर तक, हमने सब कुछ किया। इसके अलावा और क्या कर सकते थे? प्रसाद के दो बेटों ने रेस्टोरेंट को सँभाल रखा था, लेकिन वे शायद ही कभी काउंटर पर रहते। होम डिलीवरी के जो ऑर्डर थे उसे पूरा करने में दोनों नाकाम रहे।”
उल्लेखनीय है कि जिस यूट्यूबर गौरव वासन के वीडियो ने इस ढाबे को मशहूर किया था उसके साथ भी बाद में प्रसाद का विवाद हो गया था।